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जनपद बहराइच में फाइलेरिया उन्मूलन के तहत चल रहा नाइट ब्लड सर्वे ऐसा ही एक प्रयास, सभासद शकील मिर्जा ने थामी स्वास्थ्यकर्मियों की मशाल

नाजिरपुरा पूर्वी में नाइट ब्लड सर्वे को मिली नई ऊर्जा

जनपद बहराइच में फाइलेरिया उन्मूलन के तहत चल रहा नाइट ब्लड सर्वे ऐसा ही एक प्रयास, सभासद शकील मिर्जा ने थामी स्वास्थ्यकर्मियों की मशाल

अब तक लिए गए 136 लोगों के रक्त नमूने

रात 10 से 12 बजे तक चल रहा है शिविर

वीरेंद्र कुमार राव, बहराइच। जब शहर गहरी नींद में होता है, तब कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो अंधेरे में उम्मीद की मशाल लेकर निकल पड़ते हैं। जनपद बहराइच में फाइलेरिया उन्मूलन के तहत चल रहा नाइट ब्लड सर्वे ऐसा ही एक प्रयास है। रात की खामोशी में स्वास्थ्य विभाग की टीमें कैम्प आयोजित कर रक्त के नमूने ले रही हैं, ताकि इस मूक बीमारी की समय रहते पहचान की जा सके।

सोमवार की रात नाजिरपुरा पूर्वी की गलियों में एक अलग ही हलचल थी। स्वास्थ्यकर्मियों के साथ इलाके के सभासद शकील मिर्जा खुद भी मैदान में उतरे। यह केवल एक सर्वे नहीं, बल्कि जन-जागरूकता और सामाजिक उत्तरदायित्व का परिचायक था।

सर्वे टीम का नेतृत्व कर रहे फाइलेरिया निरीक्षक विमल कुमार ने बताया कि सोमवार रात 10 बजे से 12 बजे तक सर्वे का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया, “शहरी क्षेत्रों में लोग ब्लड सैंपल देने से हिचकते हैं। उनका मानना है कि जब कोई लक्षण नहीं हैं तो जांच क्यों कराएं। साथ ही, कई लोग अन्य बीमारियों की दवाओं की मांग करने लगते हैं। ऐसे में सभासद मिर्जा का सहयोग सराहनीय रहा।”

सर्वे में सभासद शकील मिर्जा ने न केवल टीम को सहयोग दिया, बल्कि स्वयं लोगों के घर जाकर उन्हें समझाया और 136 लोगों के रक्त नमूने लेने में मदद की। शुरुआत में कुछ लोग संकोच कर रहे थे, लेकिन जब उन्होंने देखा कि उनका प्रतिनिधि खुद साथ खड़ा है, तो वे भी आगे आए।

सभासद मिर्जा ने कहा, “यह सिर्फ सरकारी टीम का काम नहीं है, बल्कि हम सबकी जिम्मेदारी है। अगर हम बीमारी को जड़ से खत्म करना चाहते हैं, तो हर घर का दरवाजा हमें खुद खोलना होगा।” उन्होंने मंगलवार रात को भी सर्वे टीम को सहयोग देने का आश्वासन दिया है।

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. संजय शर्मा ने बताया कि फाइलेरिया एक लाइलाज बीमारी है, जो संक्रमित मच्छरों से फैलती है। “सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि मरीज को 10–15 वर्षों तक इसका पता ही नहीं चलता, और तब तक स्थिति गंभीर हो जाती है। लेकिन समय पर जांच और इलाज से इसे रोका जा सकता है।”

उन्होंने बताया कि जनपद में अब तक निर्धारित 9600 लक्ष्य के सापेक्ष 6895 लोगों के रक्त नमूने लिए जा चुके हैं। शेष लक्ष्य को शीघ्र पूरा करने के लिए टीमें लगातार क्षेत्र में कार्यरत हैं।

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