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कल रामनवमी के अवसर पर श्रीरामलला के सूर्य तिलक के साथ होगी पूर्णाहुति

चैत्र नवरात्र अष्टमी पर श्रीरामचरितमानस के अखंड पाठ से गूंज उठा प्रदेश

कल रामनवमी के अवसर पर श्रीरामलला के सूर्य तिलक के साथ होगी पूर्णाहुति

चैत्र नवरात्र अष्टमी पर श्रीरामचरितमानस के अखंड पाठ से गूंज उठा प्रदेश

प्रदेश के सभी जनपदों के प्रमुख मंदिरों में धार्मिक अनुष्ठानों का शुभारंभ 

लखनऊ। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने बताया कि चैत्र नवरात्र के पावन अवसर पर श्रीरामनवमी को लेकर प्रदेश में धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से माहौल भक्तिमय हो गया है। आज अष्टमी तिथि से प्रदेश भर के मंदिरों में श्रीरामचरितमानस के अखंड पाठ का शुभारंभ हुआ, जो 6 अप्रैल को श्रीरामलला के सूर्य तिलक के साथ पूर्णाहुति के रूप में संपन्न होगा।

उत्तर प्रदेश के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि प्रदेश के सभी 75 जिलों में अष्टमी और श्रीरामनवमी के विशेष अवसर पर अखंड रामायण पाठ, सुंदरकांड पाठ और देवी गायन जैसे धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया जा रहा है। मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। प्रदेश भर में रामभक्ति और आस्था का वातावरण चरम पर है। श्रद्धालुओं में श्रीरामनवमी के पर्व को लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी प्रमुख राम मंदिरों, हनुमान मंदिरों, देवी मंदिरों,  वाल्मीकि मंदिरों और शक्तिपीठों में विशेष पूजा-अर्चना और अनुष्ठान प्रारंभ हो चुके हैं।   संस्कृति विभाग की पहल पर सभी जिलों में समितियों का गठन किया गया था, जिनके माध्यम से स्थानीय भजन मंडलियां और लोक कलाकारों की प्रस्तुति सुनिश्चित की गई है।

श्री जयवीर सिंह ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से चयनित कलाकारों को 5000 रुपये का मानदेय और कार्यक्रम की व्यवस्था हेतु अतिरिक्त 5000 रुपये की धनराशि भी प्रदान की जा रही है।

राजधानी में यहां हुए विशेष अनुष्ठान 

पर्यटन मंत्री ने बताया कि लखनऊ में भुयन देवी मंदिर, आलमबाग, भूतनाथ मंदिर इंदिरानगर, मां चंद्रिकादेवी मंदिर बक्शी का तालाब,  मां दुर्गा मंदिर, रकाबगंज, मां बड़ी काली जी मंदिर चौक, मां शीतला देवी मंदिर, मेहंदीगंज, मां संकटादेवी मंदिर, चौक, मां संतोषी माता मंदिर, गणेशगंज, मां संदोहन मंदिर चौपटिया, मौनी बाबा मंदिर चंदर नगर, संतोषी माता मंदिर चौक, हनुमंत धाम, क्लार्क अवध के पीछे सहित अन्य प्रमुख मंदिरों में अखंड रामायण पाठ,  सुंदरकांड पाठ और देवी गायन जैसे धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया गया।

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