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अयोध्या में आयोजित अष्टोत्तरशत 108 श्रीमद्भागवत पाठ महायज्ञ कार्यक्रम : CM योगी

CM योगी ने अयोध्या में आयोजित अष्टोत्तरशत 108 श्रीमद्भागवत पाठ महायज्ञ में कहा।

विश्व मानव सभ्यता को बचाना है तो सनातन का सम्मान, हमारे ऋषि मनीषियों ने हजारों वर्ष पहले वसुधैव कुटुम्बकम की बात कही, दुनिया के अंदर सनातन धर्म ही ऐसा धर्म है जिसने हर मत मजहब को विपत्ति के समय शरण दिया है, लेकिन क्या ऐसा हिंदुओ के साथ ऐसा होता है क्या?? क्या हुआ बांग्लादेश में उससे पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान में क्या हुआ था।

काशी विश्वनाथ धाम, अयोध्या में,कभी संभल में कल्कि अवतार की हरिहर भूमि, कभी भोजपुर में…हर समय हिंदुओ के मंदिरों को तोड़ा गया।

 

औरंगजेब के खानदान पता चला कोलकाता के पास रिक्शा चला रहा था। कभी उसने ईश्वर की दुर्गति नही की होती तो उसके औलादों को ये दिन न देखना पड़ता।

 CM योगी-अयोध्या यज्ञ कार्यक्रम

हमारे सनातन धर्म की मान्यता है कि हमारे सृष्टि के संचालनकर्ता साक्षात सूर्यदेव यानी भगवान विष्णु हैं उन्ही की कृपा से सब सन्चालित होता है।

आज यहां अयोध्या में इस महायज्ञ के माध्यम से आत्म शुद्धि और पर्यावरण की शुद्धि का कार्य हो रहा है। वो भी भगवान विष्णु के अवतार प्रभु श्रीराम की जन्मस्थली पर।

यज्ञ की परंपरा हमारी हजारों वर्षों की परंपरा है। यज्ञ से ही वर्षा होती है, धनधान्य की उत्पत्ति होती है, इसी से आमजन को समृद्धि मिलती है।

यह अशर्फी भवन पीठ प्रभु के आशीर्वाद की पीठ है।

श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान इस पीठ ने एक ऊंचाई पर पहुचाया।

5 अगस्त 2020 को जब प्रधानमंत्री जी के करकमलों से प्रभु श्रीराम मंदिर निर्माण का कार्य प्रारंभ हुआ और 22 जनवरी 2024 को जब 500 वर्षों की प्रतीक्षा बाद प्रभु श्रीराम अपने धाम में स्थापित हुए,कौन ऐसा व्यक्ति धर्मावलम्बी रहा होगा जिसके आंखों में आंसू न आये हों….

इसी लिए हमारे काव्य कहते है भारत की धरती पर जन्म लेना दुर्लभ है और उसपर मनुष्य जन्म लेना और दुर्लभ है आज अयोध्या में रामलला का आगमन हो गया,डबल इंजन की सरकार ने जो संतो के मार्गदर्शन में कार्य बढ़ाया आज वो पूर्ण हो चुका है।

विरासत को विस्मृत करके हम भौतिक विकास को नही कर सकते,यज्ञ के पीछे यही भाव है।

आज प्रधानमंत्री जी के निर्देशन में पूरा भारत अपनी विरासत को संजो रहा है और विकसित भारत की ओर बढ़ रहा है।

विश्व मानव सभ्यता को बचाना है तो सनातन का सम्मान,हमारे ऋषि मनीषियों ने हजारों वर्ष पहले वसुधैव कुटुम्बकम की बात कही…दुनिया के अंदर सनातन धर्म ही ऐसा धर्म है जिसने हर मत मजहब को विपत्ति के समय शरण दिया है..लेकिन क्या ऐसा हिंदुओ के साथ ऐसा होता है क्या?? क्या हुआ बांग्लादेश में उससे पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान में क्या हुआ था…!!

काशी विश्वनाथ धाम, अयोध्या में, कभी संभल में कल्कि अवतार की हरिहर भूमि, कभी भोजपुर में…हर समय हिंदुओ के मंदिरों को तोड़ा गया।

औरंगजेब के खानदान पता चला कोलकाता के पास रिक्शा चला रहा था। कभी उसने ईश्वर की दुर्गति नही की होती तो उसके औलादों को ये दिन न देखना पड़ता।

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