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मूल्यांकन होने के बाद भी अभियुक्तों की अवैध संपत्ति का क्यों नहीं हो रहा जब्तीकरण : सुधा

मूल्यांकन होने के बाद भी अभियुक्तों की अवैध संपत्ति का क्यों नहीं हो रहा जब्तीकरण : सुधा

देवेंद्र उर्फ गब्बर ने वाइस रिकॉर्डिंग देने से किया मना,कहा मुझे फर्जी तरीके से फंसाया जा सकता

वीरेंद्र कुमार राव, बहराइच। जनपद में चर्चित गब्बर प्रकरण मामले में सुधा मातन हेलिया के पति अरुण मातन हेलिया की मौत आदि के मामले में तमाम उतार चढ़ाव के बाद भी अब तक मामला अपने आखिरी पड़ाव की ओर नहीं बढ़ पा रहा है। तमाम वाद विवाद के बाद पीड़िता को जब एक सीडी हाथ लगी तो वह उसे एक और सबूत के तौर पर एक उम्मीद के साथ न्यायालय पर दस्तक देकर प्राप्त सीडी को गब्बर के साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत कर मामले में बल प्रदान करने की कोशिश की।

 

कहा मुझे फर्जी तरीके से फंसाया जा सकता

जिसमें वॉइस मिलान के लिए गब्बर को तलब करवाया गया। मालूम हो कि थाना दरगाह शरीफ में अपराध संख्या 323/2021 धारा 342, 323, 504, 506 व 364 की संगत धाराओं में श्रीमती सुधा मातन हेलिया द्वारा अपने पति अरुण मातन हेलिया के अपहरण आदि का मुकदमा देवेंद्र उर्फ गब्बर सिंह व उनके गुर्गों के खिलाफ दर्ज करवाया गया था जबकि उपरोक्त के खिलाफ अन्य कई मुकदमे  प्रदेश सहित थाना देहात कोतवाली व नगर कोतवाली में भी दर्ज  हुवे। श्रीमती मातन हेलिया का मामला मुख्य रूप से अपने पति के अपहरण के साथ-साथ राजस्व से भी संबंधित थे,इसीलिए अरुण मातन हेलिया के द्वारा बतौर विक्रेता के रूप में कई गाटा संख्या में संदिग्ध मामले पाए जाने पर जांच और कार्यवाही का सिलसिला चल पड़ा।

जिसमें हाल ही में किए गए कार्यवाही के क्रम में नगर मजिस्ट्रेट द्वारा तहसीलदार सदर अधिशासी अभियंता लोक निर्मा

 

ण विभाग, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका,अवर अभियंता विनियमित क्षेत्र व सब रजिस्ट्रार सदर बहराइच को अभियुक्त देवेंद्र सिंह उर्फ गब्बर सिंह पुत्र स्वर्गीय रामफल के साले मुकेश सिंह व नौकर सत्यकाम मालिक के द्वारा क्रय किए गए प्लाटों को सत्यापन हेतु अविलंब लिखित रूप से मूल्यांकन आख्या उपलब्ध कराने की बात कही गई।जिसकी सूचना जिलाधिकारी सहित अन्य को भी भेजी गई थी। दिनांक 14.08. 2014 व दिनांक  27.08 2014 को उपरोक्त द्वारा बैनामा कराने की बात प्रकाश में आई।

मामले में तमाम दस्तावेज,जांच आख्या व सीडी प्रकरण में धमकी आदि बातों को देखते हुए प्रस्तुत वाद को स्वीकार करते हुवे विद्वान अपर सिविल जज(अपर खंड) पश्टम बहराइच द्वारा आदेश दिया गया कि अभियुक्त देवेंद्र उर्फ गब्बर सिंह को उसकी आवाज सैंपल लेने हेतु जिला कारागार फिरोजाबाद से दिनांक 27.02.025 को तलब करने का आदेश दिया गया। जिसकी सूचना जेल अधीक्षक फिरोजाबाद को भी दी गई। लेकिन किन्हीं कारणों से गब्बर उपस्थित नहीं हो सके।

तत्पश्चात दिनांक 26.03.2025 को व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में हाजिर होकर देवेंद्र उर्फ गब्बर सिंह ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि मैं एक राजनैतिक व्यक्ति हूं, चुनाव के समय वादिनी मुकदमा व सत्ता पक्ष के लोगों के साथ विवाद हो जाने के कारण मेरे ऊपर कई झूठे,मनगढ़ंत व राजनैतिक मुकदमे दर्ज करवाए गए और एक फर्जी वीडियो रिकॉर्डिंग तैयार करके मेरा आवाज लेकर मुझे फर्जी तरीके से फंसाए जाने की कोशिश की जा रही है,जैसा पहले भी हैंडराइटिंग मामले में हो चुका है। गब्बर द्वारा अपनी सुरक्षा के मद्देनजर और भी कई आरोप लगाते हुए अपनी वाइस देने से मना कर दिया गया। हालांकि पीड़िता सुधा मातनहेलिया द्वारा उपरोक्त संपत्ति की जब्तीकरण को लेकर राजस्व विभाग पर सीधा आरोप लगाया जा रहा है। पीड़िता का कहना है कि जब मूल्यांकन में सारी बातें साफ हो चुकी है फिर जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा अवैध संपत्तियों की जब्तीकरण में हीलाहवाली क्यों की जा रही है?

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